लहर
लहर
"मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कोई हलवा है क्या? पहले ही कहा था, मगर इसे समझ कहाँ, बस बाप के पैसे डुबाने है" पापा के कड़कड़ाते शब्द मन को भेद रहे थे। आज पहली लिस्ट आयी थी उसमें स्तुति का नाम जो नहीं था।
स्तुति नम आँखों के साथ फिर से समंदर तट के पास जा कर बैठ गयी, न जाने क्या देखती रहती थी।
"स्तुति, सेकंड लिस्ट में तेरा नाम आ गया है, तेरा दाखिला मेडिकल कॉलेज में हो गया।" फ़ोन पर उसकी सहेली ने कहा।
आज वो फिर से उसी समंदर तट पर खड़ी थी, उसे पता था समंदर चाहे कितना भी मजबूत हो अगर ज़िद हो तो एक छोटी सी लहर भी किनारा ढूंढ लेती है।