STORYMIRROR

Durga Devi

Inspirational

2  

Durga Devi

Inspirational

लघुकथा--प्रेम धारा

लघुकथा--प्रेम धारा

1 min
96


  

  मेरे पति शादी के वक्त फौज में नौकरी करते थे। मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ती थी। हमारे साथ ही ननद की भी शादी थी। शादी के दो दिन बाद ही छुट्टी खत्म होने के कारण वे वापिस अपनी डयूटी पर चले गए। परंतु वहाँ जाने पर एक आफिसर ने उन्हें कहा कि सर अभी तो आपके हाथों पर भी मेहंदी लगी है और आप डयूटी पर आ गए।

   पति ने कहा कि सर डयूटी पहले है। आफिसर ने तुरंत उनसे दोबारा ये छुट्टी की अर्जी लिखवाई और वापिस घर भेज दिया। उन्होंने घर वालों को आने की बात नहीं बताई और अचानक ही दोबारा घर आ गए।

     उन्हें एकदम अचानक घर में देखकर मैं भाव विभोर हो गई। तुरंत ही उनके गले लगकर रोने लगी। उन्होंने चुप करवाते हुए कहा कि तुम्हारी प्रेम धारा मुझे दोबारा तुम्हारे पास खींच लाई।

     मैंने महसूस किया कि बाती बिन दीये का कोई मोल नहीं। 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational