लड़की पसंद है
लड़की पसंद है
"अजी सुनो इतने बड़े जज का लड़का है, इंग्लैंड से आ रहा है, भला अपनी प्रीति को कैसे पसंद करेगा???"है तो अपनी बिटिया अंग्रेजी में स्नातक पर इनको तो हिंदी बोलने का भूत सवार है।"
"अरे रमा जी ये अंग्रेज़ी का दिखावा बंद करिए, मिलने तो दो बिटिया को पसंद आए या ना आए उनकी मर्जी है" , रमाकांत जी ने मुस्कुराते हुए कहा।
ठीक शाम छह बजे जज राम कुमार शर्मा अपने पुत्र रवि के साथ प्रीति के घर पहुंच गए ,जैसे ही रमा जी ने प्रीति को बुलाया तो प्रीति पूरी सादगी से रामकुमार शर्मा जी से मिली, उन्हें प्रणाम कर के पैर छुए और रवि को नमस्ते किया ।
इसी बीच रमाजी बोल पड़ी कि दरअसल प्रीति को अंग्रेजी तो आती है परंतु इन्हें हिंदी में ही बात करना पसंद है । रमा जी की बात सुनते ही रवि ने कहा "आंटी जी मैं जीवन संगिनी का चुनाव करने आया हूं, भाषा का नहीं। प्रीति की संस्कृती और प्रीति दोनों ही मुझे स्वीकार है।"
रवि की बात सुनकर जज राम कुमार शर्मा जी ने प्लेट में रखे रसगुल्ले से एक रसगुल्ला उठाकर अपने मुंह में डाल दिया और कहा "भाई लड़की पसंद है।"