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Mrs. Smita Vijay Shinde

Drama

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Mrs. Smita Vijay Shinde

Drama

कुत्ता एक पुरस्कार

कुत्ता एक पुरस्कार

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लोग एक दूसरे को गाली देते हैं कुत्ता!क्योंकि यह उपमा मुझे भी कुछ लोगों ने दी हुई है। मां कसम मैं तो बड़ी खुश हुई थी उस दिन।जिसके साथ रहती हूं, उसको काटती तो नहीं,उस पर भोंकती तो नहीं |मुझे वह पुरस्कार बहुत ही अच्छा लगा और मैं भी वहां से बिना भोंके ही चली आई उनको सिर्फ एक गाली देकर जो उन्हें बहुत पसंद आयी होगी।

हां, मैं हूं एक कुत्ती और आप बहुत सभ्य इंसान हैं।हालांकि उन अक्ल के अंधे को कुछ समझ में आया ही नहीं होगा कि वह तो एक गाली थी।इंसान तो इतना बिगड़ा हुआ है कि वह वक्त आने पर अपने भाई,बहन समित अपने मां बाप तक को काट सकता है। एक दूसरे की टांग खींचने में ही उसकी जिंदगी गुजर जाती है।कुत्ता तो इंसान से सौ गुना अच्छा होता है। कुत्ता जिसका नमक खाता है उसके प्रति तो वफादार होता है।



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