काँलेज का पहला दिन
काँलेज का पहला दिन
एक लड़की थी जिसका नाम था मिनी । मिनी का आज काँलेज में दखला हुआ था जिसके कारण सभी परिवार बहुत खुश था। क्योंकी मिनी घर में पहली लड़की है जिसने 12 वीं पास किया था। लेकिन मिनी को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे खुश हो या चिन्तन करें ।
मिनी ने स्कूल के दिनो में यही सुना था कि कालेज में स्कूल की अपेक्षा ज्यादा मजा आता है।उन दिनो से वह कालेज के सपने देखने लगी थी। अ ब वह समय नजदीक था। कल मिनी के घर नेहा दीदी आयी थी,जिन्होनें मिनी से पूछा ?
"कब से कालेज जाओगी मिनी "
मिनीः कल से
नेहाः सम्भल के पहले दिन कालेज जाना।
मिनीः क्यों ?
नेहाः पहले दिन रैगिंग होती है न इसलिए
नेहा थोड़ी देर बाद अपने घर चली गई ,मिनी अभी भी नेहा की बात सोच रही थी।उसके मन में बहुत घबराहट थी।मिनी की माँ उसे उलझन में देखकर उससे इस उलझन का
कारण पूछने लगी।मिनी ने सारी बात माँ से बोल दिया। माँ ने मिनी को समझाया कि
" तू चिन्ता मत कर, सब जगह ऐसा नहीं होता होगा,राधिका भी तो उसी कालेज में है। उसने तो कभी कुछ नही कहा तू उससे मिल और कालेज के बारे में मालूम कर।
राधिका के घर पहूँची जो कि उसके सामने ही था। राधिका ने जब मिनी को देखा। तब वह खुश हो गई क्योंकी मिनी आज बहुत दिनो के बाद आयी थी।मिनी और राधिका के कमरे में गयी। कुछ समय बात करनें के पश्चात् मिनी नें कालेज कि रैगिंग के बारे में पूछा। राधिका ने जवाब में हां कहा। तब मिनी सोचने लगी। कि अब वह कालेज रोज न जाकर केवल परीक्षा देने जायेगी। यह बात उसने राधिका को भी बतायी।तब राधिका नै उसे समझाया ।
" डर से तू अपना भविष्य मत बिगाड़ तूने सुना नहीं ,वहां तूफान भी हार जाते है।जहां कश्तियां जिद् पर हो।"
राधिका के समझाने के बाद मिनी ने कहा कि वह कल कालेज जायेगी। दूसरे दिन मिनी कालेज के लिए तैयार हुई और उसके मन में सुकून था। जो होगा देखेंगे। मिनी के पापा उसे छोड़ने गये। कालेज में मिनी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके लिए मिनी डरी थी।
कुछ घंटे बाद उसे मालूम हुआ कि कालेज के प्रिन्सपल ने रैगिंगके खिलाफ कड़ा नियम बनाया है। यह जानकर मिनी बहुत खुश हुई। मिनी के कालेज का पहला दिन अच्छा था उसके कालेज में नये मित्र भी बने