जीतेगा इंडिया, हारेगा कोरोना
जीतेगा इंडिया, हारेगा कोरोना
मैं हूँ शिक्षा की नगरी,
जो रहती हूं हमेशा साफ-सुथरी,
यह कैसा दिन है आया,
हाय किसकी नजर लगी बुरी,
करो ना है भाई परीक्षा की घड़ी,
मेरा दिल घबराता, कब खत्म होगी ये घड़ी,
घर बंदी से जी घबराया,
ये कैसा दिन है आया,
कोरोना है महामारी,
ये छूत की बीमारी,
ऐसे में घर से निकलना,
पड़ जाएगा भारी,
साबुन से हाथ धोना हैं जरूरी,
आपस मे बना के रखना थोड़ी दूरी,
6 फ़ीट का बना के रखना सबसे फासला,
पर मन की मन से मत रखना दूरी।
इस दुःख की घड़ी में "पाराशर"
तुम अपना संयम ना खोना,
वो दिन भी आएगा जल्दी,
जब जीतेगा इंडिया, हारेगा कोरोना।
