इण्डियन फ़िल्म्स - 1.6

इण्डियन फ़िल्म्स - 1.6

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वो सुनहरा ज़माना...


ये उस पुराने ज़माने की बात ह, जब टी।वी। पर हाल ही में फ़ैन्टेसी फ़िल्म 'भविष्य से आए मेहमान’ दिखाई गई थी और सारे बच्चे स्पेस-पाइरेट्स और रोबो वेर्तेर का खेल खेला करते। लड़कों को फ़िल्म की प्रमुख हीरोइन एलिस सिलेज़्न्योवा से प्यार हो गया था और लड़कियाँ को – प्रमुख , कोल्या गेरासीमोव से।

वोवेत्स मुझे नौमंज़िला बिल्डिंग की वेल्क्रो नहीं निकालने देता। वो इस बिल्डिंग में रहता है, और सोचता है, कि अगर मैं वेल्क्रो निकाल दूँगा, तो उसे सर्दियों में ठण्ड लगेगी। मगर मैं तो कब से वेल्क्रो को हाथ नहीं लगाता और वोवेत्स मेरा दोस्त है।

कुछ ही दिन पहले हम बेंच पे बैठे थे, और वो कह रहा था:

 “पता नहीं, मुझे मॉस्को जाना चाहिए या नहीं।”

“तुझे क्यों जाना है मॉस्को ?” मैं पूछता हूँ। वोवेत्स अपनी पतलून की फ़टी जेब से कई बार मरम्मत किया हुआ बटुआ निकालता है, जिसमें कभी एक भी पैसा नहीं होता, और मुझे पॉलिथीन के पीछे घुसाई हुई एक छोटी सी तस्वीर दिखाता है।

 “ये, इसके पास,” वो कहता है।

मैं एक जाना–पहचाना चेहरा देखता हूँ, मगर याद नहीं आता कि ये कौन है।

 “कौन है ये ?” मैं पूछता हूँ।

मगर वोवेत्स मेरी तरफ़ ऐसी उलाहने भरी नज़र से देखने लगता है, कि मुझे फ़ौरन याद आ जाता है।

“-आ-आ ! इसी ने तो एलिस का रोल किया था ‘ भविष्य से आए मेहमान’ में ! तू, क्या, उसे जानता है ? ! लगता है, अच्छी ही है, वोवेत्स !”

“मेरी गर्ल फ्रेण्ड है,” वोवेत्स संजीदगी से कहता है।

 “ओह, नो, ऐसा नहीं हो सकता !”

अचरज के मारे मैं धीरे-धीरे घास पर लैण्ड करने लगता हूँ। एलिस - वोवेत्स की गर्ल फ्रेण्ड !

“तुम उससे मिले कैसे ?” मैं पूछता हूँ।

“मैं नहीं, बल्कि वो। मॉस्को में, फ़ेस्टिवल में। वो मेरे पास आई और – बस हमने एक दूसरे को इन्ट्रोड्यूस कर लिया।”

मैं वोवेत्स से इतनी ईर्ष्या करने लगा ! मुझे भी तो एलिस बेहद अच्छी लगती है !

“और त,” मैं कहता हूँ, “अभी भी सोच रहा है, कि तुझे जाना चाहिए या नहीं ?”

 “हाँ, पता है,” वोवेत्स ने बटुआ वापस जेब में रख लिया।

“हो सकता है, कि वो ख़ुद ही आ जाए,बस, मुझे ये नहीं पता कि कब आएगी। बेहद चाहती है मुझसे मिलना।”

मैं घर आता हूँ, और नानी को पूरी-पूरी जानकारी देता हूँ, कि फ़िल्म‘भविष्य से आए मेहमान’ वाली एलिस को नौ मंज़िला बिल्डिंग वाले वोवेत्स से प्यार हो गया है और वो जल्दी ही उसके यहाँ आने वाली है !

“उस वोवेत्स से,” नानी ने पूछा, “जिसके होंठ मोटे-मोटे हैं ?”                 

“यहाँ मोटे होठों की बात कहाँ से आ गई !” मैं पूछता हूँ। उसने मुझे अभी-अभी एलिस की फ़ोटो दिखाई है !”

मगर नानी ठहाके लगाने लगी:

“बस, यही बाकी था ! एलिस हमारे मोटे-मोटे होठों वाले वोवेत्स को गले लगाएगी ! उसे कोई और नहीं मिला !”

‘हँसने दो, हँसने दो’, मैं सोचता हूँ। ‘मगर एलिस बस, आ ही जाएगी वोवेत्स से मिलने !’ हाँलाकि जलन तो, बेशक, हो रही है। वोवेत्स के जूतों में तो लेसेस भी नहीं हैं। वो किसी तार से बँधे हुए होते हैं। और एलिस को आठ भाषाएँ आती हैं ! वो प्लूटो पर भी जा चुकी है। स्पूत्निक लाँच कर चुकी है, जो सभी आकाशगंगाओं उड़ रहा था और धरती पे सिग्नल्स भेज रहा था। 


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