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Manmohan Bhatia

Drama

4  

Manmohan Bhatia

Drama

डिनर

डिनर

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544

इद तुम दो बातों पर अड़ गए थे। तुम्हारा इतना अड़ियल रुख पहले देखा नहीं।"

"बारह वर्षो में कई बातें बदल गई हैं। हां एक बात जो नहीं बदली मुझे लगता है वो तुम्हारी ज़िद अपनी बात को मनवाने वाली।"

"इतना गलत मत समझो मुझे इंद।"

"खैर छोड़ो इंदु इन बातों को, आज मैं और तुम जुदा हैं। नदी के दो छोर जो कभी नहीं मिलेंगे। जो पूछना है, बेधड़क पूछो।"

"जॉइंट वेंचर को लेकर तुम्हारा क्या नज़रिया है?"

"एक बात तुम मान लो तो जॉइंट वेंचर हो जाएगा।"

"कौन सी।"




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