चल आज तुझे आज़ाद करते हैं
चल आज तुझे आज़ाद करते हैं
चल आज तुझे आज़ाद करते हैं, सफर खूबसूरत था तेरे साथ। अब मंज़िलों की नहीं बात करते हैं।
चल आज तुझे आज़ाद करते हैं, छिपा के रखा मैंने दिल के किसी कोने में तुम्हे। अब बातों में ज़िक्र तेरा बार बार करते हैं।
चल आज तुझे आज़ाद करते हैं !
सितम्बर की वो शाम आज भी जब याद आती है , दिल पे यादों की एक दस्तक दे जाती है।तुमसे मिलने का फैसला मैंने बस यूँ ही किया था, दिल हाल ही में तब टूटा था मेरा।तो इश्क़ से भरोसा और दुनिया से होंसला मनो ख़तम हो गया था।
आईने को महीनो हो गए थे मेरी मुस्कराहट देखे।
तो बस अपना टूटा दिल, बिखरा हौंसला और एक नकली सी मुस्कान चिपकाए मई तुमसे मिलने आयी
ज़िन्दगी में पहली बार कही वक़्त पे पहुंची थी मैं,
और तुम लेट ...मैं यहां बता दूँ के मुझे इंतेज़्ज़र करना ज़रा भी नहीं गंवारा, मगर उस दिन मेरे दिल ने कहा , लड़की ठहर जाओ...और जाने क्यों मैं ठहर गयी।
बेंच पे बैठे आते जाते लोगों को देख ही रही थी... की बगल से एक मुस्कुराता चेहरा गुज़रा
नज़रे उठा के देखा तो सामने खड़े थे तुम।
चंचल मुस्कान , आँखे शैतान .. ऐसा लगा मानो खुद से मुलाकात हो गयी थी
वही मैं जिसे आईने ने महीनो में नहीं देखा था
लोग कहतें हैं बहुत बोलती हूँ मैं लेकिन मैंने उस दिन सिर्फ सुना तुम्हे
दो घंटे की उस मुलाकात में जाने क्या कह दिया तुमने और जाने क्या सुन लिया मैंने की तुम्हारे शब्दों के जाल के मोहपाश में बंधी सी मैं घर को लौट आयी
आते ही आईने से रूबरू मुलाकात हुई ...
मैंने देखा चंचल मुस्कान , आँखें शैतान , मैं सच में लौट आयी थी, इसके बाद शुरू हुआ बातों का सिलसिला।
हर रात नो बजे मेरे फ़ोन की घंटी बजती और बातें ज़रा लम्बी चलती,
कब बातों बातों में रात हो जाती और मैं नींद के आगोश में सो जाती मुझे खबर नहीं।
क्या मैंने यहाँ कहा के अब मैं चैन की नींद सोने लगी थी
तो आलम कुछ यूँ था के हर सुबह मुस्कुरा के शुरू होती, और मुस्कुरा के रात के आगोश में ढल जाती।
मगर मेरे दिल को ये इल्म नहीं था ...
के जिसे मैंने आदत समझ कर अपनाया हैं वही मर्ज़ बन जायेगा,
और फिर उसी मर्ज़ की आदत लग जाएगी।
इसके बाद बहुत कुछ शुरू हुआ और बहुत कुछ ख़त्म, ज़िन्दगी से बस इतनी शिकायत है।
ज़िन्दगी के उस हिस्से में तुम थे,
गर ज़िन्दगी का हिस्सा बन पते तो और बात थी,
ज़िन्दगी के सफर में दो कदम साथ चले,
गर ज़िन्दगी का सफर साथ तय कर पाते तो और बात थी।
मगर अब इस काश के लिए ज़िन्दगी यूँ ही नहीं बर्बाद करते हैं
चल आज तुझे आज़ाद करते हैं।