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Charumati Ramdas

Drama

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Charumati Ramdas

Drama

ब्लैक ब्यूटी - 13

ब्लैक ब्यूटी - 13

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अगली सुबह जो हमें देखने के लिए आया और फिर वह मैरीलेग्स को मिस्टर तथा मिसेज़ गुड के घर ले गया। जॉन जिंजर पर सवार होकर मुझे अर्ल्स हॉल ले आया। यह एक बड़ा घर था जिसमें कई सारे अस्तबल थे।


अस्तबल में जॉन ने मिस्टर यॉर्क के बारे में पूछा, जो सभी कोचवानों और साईसों का मुखिया था। मिस्टर यॉर्क ने आकर हमें देखा।


“बहुत अच्छे!” वे बोले।


“ये दिखते तो बहुत अच्छे है, मगर तुम और मैं जानते है कि सब घोड़े एक जैसे नहीं होते। तुम इन दोनों के बारे में क्या बता सकते हो?”


“ठीक है,” जॉन ने कहा


“इन दोनों से बढ़कर घोड़े इस देश में नहीं है, मगर ये एक जैसे नहीं है। ब्लैक ब्यूटी को कभी गुस्सा नहीं आता, क्योंकि उसके साथ कभी किसी ने बुरा बर्ताव नहीं किया। जब जिंजर हमारे पास आया था, तब वह ऐसा नहीं था। वह हमेशा काटने और दुलत्ती झाड़ने को तैयार रहता। किसी ने उसे बहुत दुख पहुँचाया था। बर्टविक पार्क में आकर वह बदल गया है। हम उसके साथ बड़े अच्छे रहे और पिछले तीन सालों से, या कुछ ज़्यादा ही, वह भी बड़ा अच्छा बना रहा। मगर मुझे डर है, कि अगर उसके साथ सख़्ती की गई, तो वह फिर से बुरा हो जाएगा”


“यह बात मैं याद रखूँगा,” मिस्टर यॉर्क ने कहा, “मगर यहाँ कितने सारे कोचवान और साईस है और मैं हरदम उन पर नज़र नहीं रख सकता"


जब वे अस्तबल से बाहर निकल रहे थे, तो जॉन रुका और बोला, “मुझे आपको बता देना चाहिए, कि हमारे घोड़ों में से किसी ने भी, कभी बेयरिंग लगाम नहीं पहनी है"


“अच्छा, मगर यहाँ तो उन्हें बेयरिंग लगाम पहनाई जाएगी। मुझे ख़ुद भी बेयरिंग लगाम पसन्द नहीं है, और सारे वेस्टलैण्ड घोड़ों के प्रति बहुत भले है। मगर लेडी वेस्टलैण्ड – उनकी बात और है! उन्हें तो बस, हर चीज़ अच्छी दिखाई देनी चाहिए। उनकी बग्घी के घोड़ों के सिर तने हुए होने चाहिए, क्योंकि लन्दन में ऐसा ही होता है। इसलिए उन्हें बेयरिंग लगाम पहननी ही पड़ेगी"


जॉन हम दोनों के पास बारी-बारी से आया। हमें थपथपाने के लिए और आख़िरी बार हमसे बातें करने के लिए। फिर वह चला गया, और उसे जाते देखकर हमें बहुत दुख हुआ।

अगले दिन लॉर्ड वेस्टलैण्ड हमें देखने के लिए आए।


“गॉर्डन ने मुझे बताया था कि ये बहुत बढ़िया घोड़े है,” उन्होंने कहा, “और वे दिख भी अच्छे रहे है। मगर लन्दन में तो हम एक काले और एक भूरे घोड़े से गाड़ी नहीं चला सकते। तो वे यहाँ देहात में गाड़ी चलाएँगे और लन्दन में हम उनकी सवारी कर सकते है"


यॉर्क ने बेयरिंग लगाम के बारे में जॉन द्वारा दी गई सूचना के बारे में भी उन्हें बताया।

“अच्छा,” लॉर्ड वेस्टलैण्ड ने कहा, “बेयरिंग लगाम कसो, मगर उसे हर बार हौले से खींचना। मैं लेडी वेस्टलैण्ड से इस बारे में बात करूँगा”


दोपहर को मुझे और जिंजर को एक गाड़ी में जोता गया और एक साईस हमें घर के सामने वाले भाग में लाया। यह बहुत बड़ा था, बर्टविक पार्क से चार गुना बड़ा, मगर देखते ही वह मुझे पसन्द नहीं आया।


लेडी वेस्टलैण्ड बाहर आई। हमें देखती हुई वह हमारे चारों ओर घूमती रही। कोई चीज़ थी, जो उन्हें पसन्द नहीं आई, मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं। वह गाड़ी में चढ़ीं, यॉर्क ने हमें चाबुक से छुआ, और हम चलते हुए आगे बढ़े।


इससे पहले मैंने कभी बेयरिंग लगाम नहीं पहनी थी, मगर उस दिन वह इतनी बुरी नहीं लगी। मैं हमेशा अपना सिर ऊपर करके चला करता या दुलकी लगाता, और लगाम मुझे उसे नीचे करने से रोकती। मुझे डर था, कि जिंजर को गुस्सा आ जायेगा, मगर वह अच्छा ही रहा।


दूसरे दिन भी उसी समय हम फिर दरवाज़े पर आए। लेडी बाहर आई और बोली, “यॉर्क, तुम्हें इन घोड़ों के सिर ऊपर की ओर खींचना चाहिए। मैं ऐसे घोड़ों वाली गाड़ी में नहीं जा सकती!”


यॉर्क नीचे उतरा और बोला, “कृपया मुझ पर गुस्सा न करें, लेडी, मगर इन घोड़ों ने पिछले तीन सालों से बेयरिंग लगाम नहीं पहनी है, और लॉर्ड वेस्टलैण्ड ने मुझे एक बार में उनके सिर थोड़े से ही ऊपर करने के लिए कहा है। क्या आप चाहती है, कि उन्हें और ऊपर खींचूँ?”


“हाँ"


यॉर्क हमारे सिरों के पास आया और उसने लगाम को कुछ और छोटा बनाया, शायद एक छेद।


जब हम पहाड़ी तक आए तो हमने अपने सिरों के नीचे करना चाहा, जिससे हम ज़ोर लगाकर गाड़ी खींच सकें। बेयरिंग लगाम हमें रोक रही थी और इससे हमारी टाँगों और पीठ पर बहुत ज़ोर पड़ा।


जिंजर ने मुझसे कहा, “अब तुम देख रहे हो, कि कैसा होता है। यह तो ज़्यादा बुरा नहीं है। अगर वे लगाम को कुछ और ऊपर न खींचे, तो मैं कुछ नहीं कहूँगा, क्योंकि और दूसरी बातों में वे हम पर काफ़ी मेहरबान है। मगर, अगर वे इसे ज़ोर से कुछ और ऊपर खींचेंगे, तो मैं कुछ बुरा कर बैठूँगा। मैं बुरा बनना नहीं चाहता, मगर लगाम से मुझे बहुत गुस्सा आता है।


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