ब्लैक ब्यूटी - 09 (नन्हा जो ग्रीन)

ब्लैक ब्यूटी - 09 (नन्हा जो ग्रीन)

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जेम्स और जिंजर अगले पूरे दिन बीमार रहे। उनके शरीर के कुछ स्थानों पर फ़फ़ोले आ गए मगर धुएँ ने उन्हें काफ़ी नुकसान पहुँचाया था, इसलिए हम ऑयल्सबरी में ही रुक गए मगर वहाँ दो दिन रहने के बाद वे बेहतर हो गए और सुबह हम ऑक्सफोर्ड गए।

जेम्स ने जिंजर की तबियत सुधारने की हर संभव कोशिश की और उसने बड़े साईसों से भी बातें की, जिन्होंने उसे बताया कि हमारे लिए क्या करना बेहतरीन होगा।

जब हम बर्टविक पार्क पहुँचे तब तक हम सबकी तबीयत काफ़ी संभल गई थी।

जॉन ने जेम्स हॉवर्ड से पूरा किस्सा सुना और उसने जिंजर की ओर तथा मेरी ओर देखा।

“तुमने ठीक किया जेम्स,” वह बोला, “जब अस्तबल में आग लगी हो तो वहाँ से घोड़ों को निकालना बड़ा मुश्किल होता है। कोई नहीं जानता कि वे वहाँ से हिलते क्यों नहीं हैं, मगर जब तक कोई ऐसा आदमी, जिसे वे जानते हैं और प्यार करते हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए नहीं आता, वे वहीं खड़े रहते हैं।”

जब वे जा ही रहे थे, जेम्स ने पूछा, “क्या तुम्हें मालूम है कि मेरी जगह पर कौन आ रहा है ?”

“हाँ,” जॉन ने जवाब दिया, “नन्हा जो ग्रीन, माली का बेटा।”

“नन्हा जो ग्रीन, वह तो अभी बच्चा है !”

“वह चौदह साल का है,” जॉन ने कहा।

“मगर वह इतना छोटा है...”

“हाँ, वह छोटा तो है, मगर बेहद फुर्तीला है, सब कुछ सीखने को तैयार है और बहुत दयालु है। अगर वह आ जाए, तो उसके बाप को ख़ुशी होगी और मुझे यह भी मालूम है, कि मालिक उसे यहाँ रखना पसंद करेंगे।”

जेम्स को इस बात से अभी भी ख़ुशी नहीं हो रही थी। “वह एक अच्छा लड़का है,उसने कहा, “मगर तुम्हारा काम काफ़ी बढ़ जाए, क्योंकि अभी वह बहुत छोटा है।”

“कोई बात नहीं,” जॉन ने जवाब दिया, “मैं और काम तो बड़े अच्छे दोस्त हैं, मैं काम से कभी डरता नहीं !”

“मुझे मालूम है और मैं अपनी नई नौकरी में तुम्हारे जैसा होने की कोशिश करूँगा।”

अगले दिन जो अस्तबल में आया। जेम्स के जाने से पहले वह जितना संभव हो, उतना सीख लेना चाहता था। उसने अस्तबल की सफ़ाई करना सीखा, हमारे लिए खाना लाना सीखा, उसने ज़ीन की सफ़ाई करना सीखा, गाड़ियों को धोने में मदद की। जिंजर को और मुझे सँवारने के लिए अभी वह बहुत छोटा था, इसलिए जेम्स ने उसे दिखाया कि मैरीलेग्स को कैसे सँवारा जाता है।

मैरीलेग्स ख़ुश नहीं था। “एक बच्चा, जो कुछ भी नहीं जानता, मुझे क्यों खींचे ?” उसने पूछा, मगर दो-एक हफ़्ते बाद वह बोला, मेरा ख़याल है कि वख़्त आने पर बच्चा अच्छा हो जाएगा ! मैं जल्दी सीखने में उसकी मदद करूँगा।”

नन्हा जो ग्रीन एक ख़ुशमिजाज़ लड़का था, काम करते हुए वह गाता रहता और जल्द ही हम उसे बहुत पसन्द करने लगे।


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