Anita Shrivastava

Drama

5.0  

Anita Shrivastava

Drama

बीज

बीज

1 min
296


बीज बोने के बाद से ही देखा करता था। नहीं वो कृषक नहीं था न ही उसका बड़ा सा खेत था।बस पोर्च में कुछ गमले थे जिनमें उसने कुछ बीज बो दिए थे।जब इस महानगर में आया उसका एक सपना था-- गमलों में सुंदर सुवासित फूल। इसके लिए उसने सारा उपक्रम कर लिया था।

बस बीजों में अंकुर फूटने का इंतजार था।आज देखा तो गमले में एक नवांकुर पौधा हवा के स्पर्श से हिल रहा था।देख कर खुशी हुई मगर आश्चर्य भी हुआ।ये एकाएक कब उग आया!!मैं तो रोज़ ही देखा करता हूँ ! उसने देखा उस नवोद्भिद की काया पर मटमैले कत्थई लाल से दाग थे।जब उसने पास आ कर थोड़ा झुक कर उसे प्यार से देखना चाहा तो उसके नथुनों में तीक्ष्ण सी दुर्गंध प्रवेश कर गई।

उसने झटके से अपनी गर्दन को पीछे किया और खुद को काफी दूर ले गया। दूर खड़ा वह देख रहा था, सोच रहा था बीज तो अच्छा ही बोया था, ये कौन सी पौध उग आई।


Rate this content
Log in

More hindi story from Anita Shrivastava

Similar hindi story from Drama