भलाई का फल
भलाई का फल
एक जंगल में दो पेड़ थे l अन्य जीवधारियों की तरह दोनों पेड़ों की प्रवृति भी बिल्कुल अलग थी l जहाँ एक पेड़ सभी जीवों के प्रति अच्छे विचार रखता था वहीं दूसरा पेड़ घृणा l
एक बार बहुत सी चिड़ियों का झुंड उड़ते हुई उस जंगल में पहुंचेl जंगल में उड़ते हुए झुंड बुरी प्रवृत्ति वाले पेड़ के पास पहुंचा परंतु उस पेड़ ने उन्हें स्वयं से दूर भगा दिया l निराश होकर झुंड अच्छी प्रवृति वाले पेड़ के पास पहुंचा l उसने उन्हें घोंसला बनाने की अनुमति दे दी l
कुछ समय बाद कुछ लकड़हारा उस जंगल में आए उन्होंने उस अच्छी प्रवृत्ति के पेड़ को काटना चाहा परंतु उस पेड़ पर बैठी चिड़ियों ने उन्हें चोंच मारकर भगा दिया l लकड़हारे उस पेड़ को छोड़कर दूसरे बुरी प्रवृत्ति वाले पेड़ के पास गए और उसे काटने लगे l
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि भले का अंत भला ही होता हैl