लौट के बुद्धू घर को आये
लौट के बुद्धू घर को आये
एक बार की बात है एक बिल्ली थी जिसका नाम रज्जू था l रज्जू एक बड़ी सी घर में रहती थी l वहां उसको खाने के लिए ढेर सारे चूहे मिल जाते थे और साथ में पीने के लिए दूध l रज्जू खुश थी l परंतु थोड़े समय बाद जब उस मकान की मरम्मत हुई चूहों के अंदर आने के सारे रास्ते ही बंद हो गए जिससे रज्जू को भोजन मिलना बंद हो गया l अब रज्जू दुखी थी l उसने ठान लिया अब वह घर में नहीं रहेगी बल्कि पास के खेतों में चली जाएगी वह चूहे तो मिलेंगे ही साथ में मेंढक, सांप यह भी तो मिलेंगे l यही सोचकर वह पास के खेतों में चली गई l कुछ दिन तो वहां आराम से कटे और उसके बाद गर्मी का मौसम आया तो रज्जू चिलचिलाती धूप से परेशान रहने लगी इसके अलावा किसानों के साथ जो कुत्ते आते थे वह भी उसको परेशान करने लगे l आखिरकार उसे वह जगह भी छोड़नी पड़ी l
वहांं से रज्जू एक होटल में चली गई चली गईl होटल उसे खूब भाने लगा यहां खाने पीने की तो कोई कमी नहीं थी साथ ही समय-समय पर दूध मिल जाता और मोटे मोटे चूहे भी l लेकिन एक दिन होटल के एक कर्मचारी ने रज्जूू को पतीली से दूध पीते देख लिया l यह देख उसने एक गर्म कर्छी रज्जू पर दे मारी l रज्जू दर्द् से कराहने लगी l अब उसेेेेेेेेेे होटल भी अच्छा नहीं लग रहा था l तभी उसनेेेेेेेेेेेेे होटल के एक ग्राहक को यह कहते सुना कि घर में चूहे बहुत हो गए हैंंं।. काश कोई बिल्ली होती!
यह सुनकर रज्जू धीरे-धीरे उस आदमी के पीछे चल दी l