मैंने सारी यादों को इक इक सिक्कों के रूप में जोड़ कर रखा है मैंने सारी यादों को इक इक सिक्कों के रूप में जोड़ कर रखा है
दो सिक्कों के लिए उसको गिरवीं रखते देखा है। दो सिक्कों के लिए उसको गिरवीं रखते देखा है।
तुम.. जब कभी मिलोगे अंतरालों के बाद, तुम.. जब कभी मिलोगे अंतरालों के बाद,
ढंग कुछ और ही होते, नेता गरचे बन जाते, मिलता जो समय हमको, तिजोरी में जमा देते। ढंग कुछ और ही होते, नेता गरचे बन जाते, मिलता जो समय हमको, तिजोरी में जमा देत...
नोटों की बारिश होती आंगन में ऐसा जो हो जाता ! नोटों की बारिश होती आंगन में ऐसा जो हो जाता !
मंदिर मंदिर भी भटका , और मस्जिद में भी सर पटका मंदिर मंदिर भी भटका , और मस्जिद में भी सर पटका