कलम दवात की, स्याही से ज्यादा कहाँ चलती है हदें तय हैं, दो छोरों की दूरी तय कर रहे हो। कलम दवात की, स्याही से ज्यादा कहाँ चलती है हदें तय हैं, दो छोरों की दूरी तय कर ...
वादों की डोलियां ऊठी थी कभी आज उनके जनाजों की कतार भी देख ली। वादों की डोलियां ऊठी थी कभी आज उनके जनाजों की कतार भी देख ली।
मुझ पे तेरे ख्यालों का जोर चल रहा है मुझ पे तेरे ख्यालों का जोर चल रहा है
तुम.. जब कभी मिलोगे अंतरालों के बाद, तुम.. जब कभी मिलोगे अंतरालों के बाद,
मौहब्बत कि सारी हदें मै पार कर गई, तुम्हें जीत कर भी मैं तो हार गई...। मौहब्बत कि सारी हदें मै पार कर गई, तुम्हें जीत कर भी मैं तो हार गई...।
विद्यालय में लेते हैं दाखिला कोटे के तहत दाँव पेच की कर सभी हदें पार विद्यालय में लेते हैं दाखिला कोटे के तहत दाँव पेच की कर सभी हदें पार