प्रेम के इस गाँव की कैसी प्रथायें, क्या लिखूँ रात-दिन अपने हृदय की वेदनायें क्या लिख़ू प्रेम के इस गाँव की कैसी प्रथायें, क्या लिखूँ रात-दिन अपने हृदय की वेदनायें ...
मेरे मन में कितनी इच्छाएँ, लिए हृदय में पुलक वेदनाएं, मेरे मन में कितनी इच्छाएँ, लिए हृदय में पुलक वेदनाएं,
जीवन का अनोखा अहसास तुम हृदय का हृदय से संवाद तुम जीवन का अनोखा अहसास तुम हृदय का हृदय से संवाद तुम