प्रेम के इस गाँव की कैसी प्रथायें, क्या लिखूँ रात-दिन अपने हृदय की वेदनायें क्या लिख़ू प्रेम के इस गाँव की कैसी प्रथायें, क्या लिखूँ रात-दिन अपने हृदय की वेदनायें ...