मैं तुम्हारी परछायी हूँ पापा। आपके वजूद से मेरा वजूद है पापा। मैं तुम्हारी परछायी हूँ पापा। आपके वजूद से मेरा वजूद है पापा।
कोकिले लब खोलकर कुछ तो कहो तुम, कर्ण सुनने को मेरे अकुला रहे हैं। कोकिले लब खोलकर कुछ तो कहो तुम, कर्ण सुनने को मेरे अकुला रहे हैं।
मेरे मन में कितनी इच्छाएँ, लिए हृदय में पुलक वेदनाएं, मेरे मन में कितनी इच्छाएँ, लिए हृदय में पुलक वेदनाएं,
और जब रंगे जाए घरवाले तो होली । और जब रंगे जाए घरवाले तो होली ।
तेरा रूठना और मनाना, कर देगा मुझको मनमाना, तेरा रूठना और मनाना, कर देगा मुझको मनमाना,