बचपन के वो दिन बचपन के वो दिन
पापा मुझे यहां अच्छा नहीं लगता अब मेरी वह ज़िद कौन करेगा पूरी पापा मुझे यहां अच्छा नहीं लगता अब मेरी वह ज़िद कौन करेगा पूरी
कह रही है यूँ ही आनन्द में डूबे रहोगे या कुछ काम धाम भी करोगे कह रही है यूँ ही आनन्द में डूबे रहोगे या कुछ काम धाम भी करोगे
बार-बार मचल जाता है ये मन "कितना मधुर था बचपन"। बार-बार मचल जाता है ये मन "कितना मधुर था बचपन"।
अब तो ए खुदा तू बस इतना बता क्या हुई है इंसान से खता !! अब तो ए खुदा तू बस इतना बता क्या हुई है इंसान से खता !!
उस सावन.. में था, सृजन जीवन का उस सावन.. में था, सृजन जीवन का