तुम मुझे नहीं लौटा सकते
तुम मुझे नहीं लौटा सकते
1 min
174
बचपन के वह पल
जब मेरी माँ
और
दादी
जंगल से
दातवन
जंगली फूल
फल
लाते थे
मेरे लिए,
और मैं
बड़े चाव से
खाता था
वह पल
तुम मुझे नहीं लौटा सकते
कभी मीठा
कभी खट्ठा
कभी तीखा
कभी स्वाद हीन
कभी कांटेदार
कभी कांटा रहित
कभी गढ़ जाते
मेरे कोमल हाथों में
मैं रोता
मेरी दादी
प्यार भरा
अपनी हाथों से
फिर खिलाती
वह पल
तुम मुझे नहीं लौटा सकते
न हाईब्रिड
न पॉलिश
न चाईना
न दूषित था
वह था तो
बिलकुल प्राकृतिक
देशीय
और
विशुद्ध
वह पल
तुम मुझे नहीं लौटा सकते