क्या हो गया संग जीने- मरने के रस्मों- कसमों का ? क्या हो गया संग जीने- मरने के रस्मों- कसमों का ?
बहुत खेल लिया लोगों ने दिल के साथ अब इस दिल को संभाल के रखेंगे बहुत खेल लिया लोगों ने दिल के साथ अब इस दिल को संभाल के रखेंगे
तुम्हें विदा तो मैंने हंसकर किया था पर रोया बहुत, स्टेशन से बाहर आने के बाद, तुम्हें विदा तो मैंने हंसकर किया था पर रोया बहुत, स्टेशन से बाहर आने के बाद,
ये परम्परा के रंग बिखेरते हैं इसके रस्मों का मतलब ख़ास है ये परम्परा के रंग बिखेरते हैं इसके रस्मों का मतलब ख़ास है
इस दुनिया के चक्कर में प्यार कहीं ना मिट जाए इस दुनिया के चक्कर में प्यार कहीं ना मिट जाए