अपनी ही पहचान से वह हमेशा ही महरूम रही अपनी ही पहचान से वह हमेशा ही महरूम रही
लड़ते रहे आपस में अपने अपने रहनुमा के लिए यूँ तो एक दूसरे से खफा तू भी नहीं मैं भी नहीं लड़ते रहे आपस में अपने अपने रहनुमा के लिए यूँ तो एक दूसरे से खफा तू भी नहीं मैं ...
जिससे, जब, जहां मिलवाना हो वो रब मिला देता है जिससे, जब, जहां मिलवाना हो वो रब मिला देता है
वो सिसकियाँ, वो आँसू सब ढह गए तूफ़ान में, क्योंकि दुनिया के लिए, वो भी एक नज़ारा था। वो सिसकियाँ, वो आँसू सब ढह गए तूफ़ान में, क्योंकि दुनिया के लिए, वो भी ए...
वह एक जागरूक महिला दिखती है .. पर कभी दादी को भूल न पाती है .. वह एक जागरूक महिला दिखती है .. पर कभी दादी को भूल न पाती है ..
धिक्कारती है आत्मा तब, यह क्या हो गया गजब धिक्कारती है आत्मा तब, यह क्या हो गया गजब