तब चौड़ी छाती फड़केगी पौरुष की वह्नि लहकेगी। तब चौड़ी छाती फड़केगी पौरुष की वह्नि लहकेगी।
पर मरने से ज़्यादा हुजूर यहाँ तो जीने से डर लगता है। पर मरने से ज़्यादा हुजूर यहाँ तो जीने से डर लगता है।
लड़की पर दाएं बाएं से बोछारें पड़ रही थीं, उसके बदन में रिस रही थीं। लड़की पर दाएं बाएं से बोछारें पड़ रही थीं, उसके बदन में रिस रही थीं।
जीने का मौका दो क्योंकि बड़ा हो गया हूँ ! मैं अब ? जीने का मौका दो क्योंकि बड़ा हो गया हूँ ! मैं अब ?
दो अक्षर का, यह शब्द । दो जिस्म के, बीच बना । दो अक्षर का, यह शब्द । दो जिस्म के, बीच बना ।
तन को घूरते लालची नयन। छिनता नोचता आबरू का हार तन को घूरते लालची नयन। छिनता नोचता आबरू का हार