मग़र जो भी लिखता हूँ मैं खुद के साथ जो बीती वही तो लिखता हूँ। मग़र जो भी लिखता हूँ मैं खुद के साथ जो बीती वही तो लिखता हूँ।
मेरे आँखों से छलका पानी, जो दर्द से तेरे मिल जाए...! प्रेम की पीड़ा से उपजा, एक नन्हा आँसू बन ज... मेरे आँखों से छलका पानी, जो दर्द से तेरे मिल जाए...! प्रेम की पीड़ा से उपजा,...
प्रिय सैंटा इस क्रिसमस अपनी जादू की छड़ी से गायब कर देना सभी के अंदर बैठे तमाम नकारात्मक विचारों... प्रिय सैंटा इस क्रिसमस अपनी जादू की छड़ी से गायब कर देना सभी के अंदर बैठे तम...
माँ की ममता है न्यारी जो है अपने बच्चों की प्यारी शक्ति देती सदा साया बन साथ निभाती चोट लगने पर ... माँ की ममता है न्यारी जो है अपने बच्चों की प्यारी शक्ति देती सदा साया बन साथ ...
गांव हो या शहर नगीयों का दम घुट रहा है, एेसे में नदी हीं खुद अपनी रामकहानी सुनाती है... गांव हो या शहर नगीयों का दम घुट रहा है, एेसे में नदी हीं खुद अपनी रामकहानी सुनात...
बाबा जिस बेटी की आंखों में तूने कभी आंसू न दिए थे, आज वही बेटी रो - रो ज़ोर - ज़ोर से चिख़ - चिल्ला... बाबा जिस बेटी की आंखों में तूने कभी आंसू न दिए थे, आज वही बेटी रो - रो ज़ोर - ज...