ये धरा है पावन कर्म बनकर सत्कर्म धर्म के पथ पर तू बनकर आदर्श बढ़ चल तू बढ़ चल। ये धरा है पावन कर्म बनकर सत्कर्म धर्म के पथ पर तू बनकर आदर्श बढ़ चल...
उमस भरी गर्मी से दिलाने को निजात, वर्षा देखो सुबह सवेरे आई धरा पर आज। उमस भरी गर्मी से दिलाने को निजात, वर्षा देखो सुबह सवेरे आई धरा पर आज।
खिलती कलियां यह भी कहती, कांटे बनकर चुभना होती खिलती कलियां यह भी कहती, कांटे बनकर चुभना होती
आती धरा पर, बनकर तुम रणचंडी, नाश करती हो, जब बढ़ते धूर्त-पाखंडी, आती धरा पर, बनकर तुम रणचंडी, नाश करती हो, जब बढ़ते धूर्त-पाखंडी,
रोज-रोज हो रहे हैं चीरहरण यहां, बहू-बेटियां होती हैं रोज-रोज यहां, दुष्ट-दानवों-असुरों की शिकार यह... रोज-रोज हो रहे हैं चीरहरण यहां, बहू-बेटियां होती हैं रोज-रोज यहां, दुष्ट-दानवो...
तनया आई महकता आँगन घर बहार। तनया आई महकता आँगन घर बहार।