हे कृष्ण कहो कब आओगे?(27)
हे कृष्ण कहो कब आओगे?(27)
देश बना है फिर से कुरुक्षेत्र,
मानव-मानव नहीं रहा अब,
दानव-सा हो गया है मानव यहां,
रोज-रोज हो रहे हैं चीरहरण यहां,
बहू-बेटियां होती हैं रोज-रोज यहां,
दुष्ट-दानवों-असुरों की शिकार यहां,
बनकर दुष्ट-दानव-राक्षस पावन-धरा पर,
फैला रहे हैं पाप रोज इस पावन-धरा पर,
हे कृष्ण कहो, कब आओगे?
एक बार फिर से आकर इस पावन-धरा पर,
महाभारत वाला गीता ज्ञान देकर,
कर दो पावन-पवित्र पुनः इस धरा,
निभा कर सखा-सुदामा वाला प्यार,
वो खुशियां हमें वापस लौटा जाओ,
पाप-शाप और संताप मिटे अब तो आजाओ,
मिट जाए यहां सारे क्लेश और विकार,
धारण करके अपना वो सुदर्शन-चक्र,
जैसे वध किया था उस मायासुर का,
वैसे ही इस पावन-भूमि को पुनः,
अपने चक्र से पापियों का कर दो वध पुनः,
बन गया हैं मानव जो यहां मयासुर,
करो कृष्ण कृपा हम पर,
हे कृष्ण कहो, कब आओगे??
