जहीन सलाहियत तस्लीम करें दिल से इसका एहतराम करें। जहीन सलाहियत तस्लीम करें दिल से इसका एहतराम करें।
फिर लगी आग शिकम में जोरों की तड़प उठा कलेजा जेठ की दोपहरी में। फिर लगी आग शिकम में जोरों की तड़प उठा कलेजा जेठ की दोपहरी में।
हुआ करती थी तब मेरी, अपने आप से बातें, मैंने जाग जाग कर काटीं थी कई रातें। हुआ करती थी तब मेरी, अपने आप से बातें, मैंने जाग जाग कर काटीं थी कई रातें।
भूल जाते हैं हमें आग बन कर, और अपने आँसुओं को सुखा जाते हैं, भूल जाते हैं हमें आग बन कर, और अपने आँसुओं को सुखा जाते हैं,
मेरे रूह का पड़ोसी ज़मीर मेरे स्वाभिमान का बड़ा फिक्र करता है। मेरे रूह का पड़ोसी ज़मीर मेरे स्वाभिमान का बड़ा फिक्र करता है।
तरस आता है उन समाज की वेश्याओं पर जो मुझे, वेश्या बुलाते हैं। तरस आता है उन समाज की वेश्याओं पर जो मुझे, वेश्या बुलाते हैं।