ना बांधा उसने, ना बँध पाया मैं, रिश्तो की उलझी डोरो से। बिन जाने, बिन पहचाने ही रहते हो अब ... ना बांधा उसने, ना बँध पाया मैं, रिश्तो की उलझी डोरो से। बिन जाने, बिन पहचा...
उनकी तरह सोच कर उन्ही के जैसा हो चला है। उनकी तरह सोच कर उन्ही के जैसा हो चला है।
सौ पहरे राहों में, निगाहों पे, नज़रों की नजर आखिर, आकर वो हमसे ख्वाबों में मिले। सौ पहरे राहों में, निगाहों पे, नज़रों की नजर आखिर, आकर वो हमसे ख्वाबों में मि...
इतनी सारी, साम्यताओं के बाद भी एक अंतर है दोनों में वो ये- एक को ज़बान है तो दूजे को ज़बान न... इतनी सारी, साम्यताओं के बाद भी एक अंतर है दोनों में वो ये- एक को ज़बान है ...
न बहक जाऊं न बिदक जाऊं सत्य के पथ से दोस्ती न कर लूं भ्रष्टाचार और कुरितियों से डरता हूं न बहक जाऊं न बिदक जाऊं सत्य के पथ से दोस्ती न कर लूं भ्रष्टाचार और कुरितिय...
कितना भी पढ़ाई कर सर उठा लो लेकिन ससुराल में सर झुकाना चाहिए कितना भी पढ़ाई कर सर उठा लो लेकिन ससुराल में सर झुकाना चाहिए