Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.
Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.

ज़ुबान से कुछ ना कहना

ज़ुबान से कुछ ना कहना

1 min
227


पास ना होकर भी पास रहूंगा तुम्हारे,

हर बात पर तुम्हे खबर भी करूंगा।

वो जैसे ही पहुंच जाऊंगा मैं मेरे अपनो के बीच,

तुम्हे भी तस्वीरो की कहानी मे पिरो दूंगा।

रहना हर पल साथ मेरे तुम, बस

ज़बां से कुछ ना कहना, पगली।।


वो पिछ्ली शाम की सारी बातें,

कब कैसे बतला दी तुमको।

एक-एक कर के सारी वो यादें,

क्यों मैने यूँ जतला दी तुमको।

ना मिलकर भी वो तुमसे मिलना

अब रोज यही पर होता है।

रहना हर पल साथ मेरे तुम, बस

ज़बां से कुछ ना कहना, पगली।।


ना बांधा उसने, ना बँध पाया मैं,

रिश्तो की उलझी डोरो से।

बिन जाने, बिन पहचाने ही

रहते हो अब पास मेरे तुम।

अनजाने मे ही शायद तुमसे

कर पाया, दिल की हर बात तभी तो।

साथ ना होकर भी साथ निभाना,

तुमसे ही तो सीखा है मैने।


बस अब रहना हर पल साथ मेरे तुम, पर

ज़बान से कुछ ना कहना, पगली।।।


Rate this content
Log in