धरा में रंगी सुनहरी हवा चली धरा में रंगी सुनहरी हवा चली
सुर्ख जोड़ा पहने .. पिया संग जाने को तैयार है। सुर्ख जोड़ा पहने .. पिया संग जाने को तैयार है।
तेरे अस्तित्व की भी एक अलग ही माया तेरे अस्तित्व की भी एक अलग ही माया
शहर से आया हर जन, पाता राहत मेरे पास आकर। शहर से आया हर जन, पाता राहत मेरे पास आकर।
घर की हर चौखट पर बिखरी होती है सभी की इच्छाएँ घर की हर चौखट पर बिखरी होती है सभी की इच्छाएँ
मेरा भी उसके घर तब ही जाना होता था, होली या दीवाली हो त्योहार बहाना होता था, मेरा भी उसके घर तब ही जाना होता था, होली या दीवाली हो त्योहार बहाना होता था,