यारी दोस्ती
यारी दोस्ती
ना खून का रिश्ता, ना उसे प्यार कहा जाता है,
वो फरिश्तों की तरह होते है जिन्हें यार कहा जाता है,
हाथ छोड़ देते है कुछ पल के लिए मगर,
कदमों को संभालने का पाठ सिखा जाते है,
लग जाये कोई ठोकर रास्ते में,
तो उठाने यार जरूर आते है,
कहाँ मिलते है ये बाज़ार में,
कहाँ इन्हें खरीदा जाता है,
प्यार की मोहताज नही दोस्ती,
कोई गालियों से भी यार बन जाता है।
