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Azad Ji

Abstract

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Azad Ji

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यादों की छाँव

यादों की छाँव

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यादों की छाँव,

पुराना गाँव,

नया शहर

वहीं ठाँव,,

सब आते हैं,

याद बारी बारी,,

वही रस्ते

वही पाँव,,

मौज लहरें,

और किनारे भी,,

बीच भंवर

वही नदी नाँव,,

रात अकेली,

झींगुरों की झीं झीं,,

और श्वानों की

वहीं झाँव झाँव,,

ऐसे में ये यादें,

घुमड़ घुमड़ आएं,

शीतलता देवें कि

वही जीवन के आँव।




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