वो रंग बरसा है
वो रंग बरसा है
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वो रंग बरसा है, जो रंग दिल में बसा है ।
एक दिन मुझे मिला है, जहाँ मुझे मौका मिला है ।
आज ना पापा रोक पाएंगे, नाही मम्मी
आज मौका ही ऐसा मैने पाया है... वो रंग बरसा है ।
ये सिर्फ त्योहार नहीं है , ये तो भावनाओ से सजा है ।
आज बे रंग पड़ी ज़िन्दगी को रंगीन बनाना है... वो रंग बरसा है
वैसे धार्मिक महत्व भी है इस दिनका
जहा सच ने झूठ को होलिका बनाया है... वो रंग बरसा है
मगर आज फुरसत अगर मिले फोन से
तो सोच आए कि कैसे हम ने ये त्योहार मनाया है ... वो रंग बरसा है
चलो आज हम फिर से मिले
चलो आज हम फिर से जुमे
ओर वहीं रंग बरसते है .. जो रंग आज तक बरसा है
वो रंग बरसा है, जो रंग दिल में बसा है
एक दिन मुझे मिला है, जहाँ मुझे मौका मिला है ....