कभी ना रुकी ये ज़िन्दगी
कभी ना रुकी ये ज़िन्दगी
कभी ना रूकी ये ज़िन्दगी
चलते हुए चले चलते हुए
ना थमी मेरी कलम
लिखते हुए लिखते हुए
ज़िन्दगी के हर पल से
सीखा है मैने कुछ न कुछ
चलते रहे कदम
गिरते संभलते हुए...कभी ना
कोई राह अनजानी मिली
कोई राह थी जानी पहचानी
हर मोड़ को मैंने देखा है
हर राह पे गुजरते हुए...कभी ना
कभी रास्ते अकेले थे
कभी मिल गया साथ राही
मगर न छोड़ा मैने रास्ता
मेरी मंज़िल को
पाने के लिए ..कभी ना
चलते हुए रिश्ते मिले
रिश्तों में मिली मुझे एक ज़िन्दगी
बस उसके के साथ रहूँगा जिंदगी भर
दिल से प्यार निभाते हुए ...कभी ना
प्यार भरी है मेरी ज़िन्दगी
प्यार भरी है दर्शन की बातें
मिला मुझे हम सफर इस
कदर प्यार कर ने वाला
मिल गई मंज़िल मुझे पूरे हुए इरादे
कभी ना रूकी ये ज़िन्दगी
चलते हुए चले चलते हुए
ना थमी मेरी कलम
लिखते हुए लिखते हुए