वीर सैनिक की आस
वीर सैनिक की आस
हर पन्नों में कुछ यादें हैं,
मेरे जीवन की बुनियादें हैं,
वापस अगर मैं आऊं न,
ये मेरे होने के हर वादे हैं।
मेरी टूटी घड़ी जो बन्द हुई,
मेरे मैले कपड़ों की सिकुड़न,
कीचड़ लगे मेरे जूते,
मेरे जेब में रखी तेरा मुख दर्पण।
मैं जाता हूँ तुम मत रोना,
विश्वास कल का तुम मत खोना।
देश की खातिर जान है दी,
हो गर्व तुम्हें तुम मत रोना।
