वीर जवान
वीर जवान
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आज़ादी की कीमत जान पायेगा कौन,
वतन पर मर मिटे जो, उनकी हस्ती मिटा पायेगा कौन...?
मरने का कोई ग़म नहीं, जान हथेली पर रखते हैं,
ज़लज़ला है ये भीषण, अब इन्हें रोक पायेगा कौन...?
एक हुंकार से शातिर दुश्मन भी थर्रा जाए,
सम्मुख होनें से पहले उनकी रूह भी काँप जाए...
वीर जवान हमारे सूर्य की धधकती ज्वाला है,
दुश्मनों के मुंड, वीरों के लिए वरमाला है...
तिरंगे की शान में हँसते हुए मौत को गले लगाया,
जाते-जाते भी सैकड़ो को उनके अंजाम तक पहुँचाया...
आताताई शत्रुओं नें जब चढ़ाई करने की सोची है,
वीर सपूत जवानों नें खून से उनको तौला है...
सर पर कफन बांध जब दुश्मन के बीच चलते है,
दुश्मनों के हौसलें तत्काल क्षीण होने लगते है...
सरफरोशी की तमन्ना दिल में जगाए है,
वीर सपूतों को हृदय से, "दीपक" की अनंत दुआएं है!