UPSC
UPSC
तुम ख़्वाब हो मेरी मंज़िल भी,
तुम्हें पाने की चाहत रखती हूं!
तुम कोई कहानी हो नामुमकिन सी,
तुम्हें मुमकिन बनाने की कोशिश करती हूं !
कभी-कभी हार जाती हूं टूट जाती हूं,
पर फिर भी फिर से जुड़ने की हिम्मत रखती हूं!
तुम ख़्वाब हो मेरी मंज़िल भी,
तुम्हें पाने की चाहत रखती हूं!