उम्मीद
उम्मीद
एक फूल खिला नहीं
किताब पढ़ना रह गया
फल में भरा हुआ खेती
अमल नहीं हुआ है ।
एक रास्ता छोड़ दिया है
कुछ मुसाफिर भी
जिनके साथ करना था
कुछ बातें भी ।
उम्मीद है
खिलेगा ये फूल भी
फिर किताब खतम होगा,
नयी मुसाफिरों के साथ
रास्ता भी अलग होगा ।
और ये सफर
चलता रहेगा
वक्त के साथ ।
