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Varsha Saxena

Inspirational

3  

Varsha Saxena

Inspirational

उड़ना सीखा गया

उड़ना सीखा गया

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एक परिंदा मुझे उड़ना सीखा गया,
कुछ तिनके लाए दीवार पर पिरोता चला गया,
घोसला बनाया प्यार से और घर मेरा सजा गया,
एक परिंदा मुझे उड़ना सीखा गया 
दिल ग़मगीन था, आँखों में पानी था,
वो आया चहचहाते, कुछ परियों के किस्से सुना गया 
एक परिंदा मुझे उड़ना सीखा गया 
जो हर सुबह की किरण से डरता था ,
ये दिल अब बेखौफ झूमता है 
मानो हल्की हवा में पंछी,
पंख फैलाकर घूमता है 
वो एक ही उड़ान में मुझे आसमां दिखा गया 
एक परिंदा मुझे उड़ना सीखा गया 

 


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