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Ankit Chauhan

Abstract

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Ankit Chauhan

Abstract

तुम मन की आवाज सुनो

तुम मन की आवाज सुनो

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तुम मन की आवाज सुनो,

जिंदा हो, ना शमशान बनो,

पीछे नहीं आगे देखो,

नई शुरुआत करो।


मंजिल नहीं, कर्म बदलो,

कुछ समझ ना आए,

तो गुरु का ध्यान करो,

तुम मन की आवाज सुनो।


लहरों की तरह किनारों से टकराकर,

मत लौट जाना फिर से सागर,

साहस में दम भरो फिर से,

तुम मन की आवाज सुनो।


सपनों को देखकर

आंखें बंद मत करो,

कुछ काम करो,

सपनों को साकार करो,

तुम मन की आवाज सुनो।


इम्तिहान होगा हर मोड़ पर,

हार कर मत बैठ जाना

किसी मोड़ पर,


तकदीर बदल जाएगी

अगले मोड़ पर,

तुम अपने मन की

आवाज सुनो।


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