STORYMIRROR

Manish Gode

Abstract Inspirational

4  

Manish Gode

Abstract Inspirational

तुम ही तुम हो..!

तुम ही तुम हो..!

1 min
387

किसी ने लिखा दूर बैठ कोने में,

सूर-साज से सँवारा किसी ने..!


किसी ने गुनगुनाया उसे कहीं से,

होटों से सुनाया गीत किसी ने..!!


किसी ने बनाया खाका कागज़ पे,

उकेरा किसी ने छैनी हतौडी से..!


किसी ने किया रंग रोगन,

मकान को घर बनाया किसी ने..!


किसी ने थमा दी कुँची हाथ में,

बनाया चित्र कागज पे किसी ने..!


किसी ने लगाया चौखट में उसे,

सजायी दिवार घर की किसी ने..!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract