तुम ही तुम हो..!
तुम ही तुम हो..!
किसी ने लिखा दूर बैठ कोने में,
सूर-साज से सँवारा किसी ने..!
किसी ने गुनगुनाया उसे कहीं से,
होटों से सुनाया गीत किसी ने..!!
किसी ने बनाया खाका कागज़ पे,
उकेरा किसी ने छैनी हतौडी से..!
किसी ने किया रंग रोगन,
मकान को घर बनाया किसी ने..!
किसी ने थमा दी कुँची हाथ में,
बनाया चित्र कागज पे किसी ने..!
किसी ने लगाया चौखट में उसे,
सजायी दिवार घर की किसी ने..!!