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Anand Kumar

Inspirational

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Anand Kumar

Inspirational

तरूणाई जूड़े का हार नहीं

तरूणाई जूड़े का हार नहीं

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यौवन हो केवल मस्ती में

यह हमें स्वीकार नहीं

देशहित में हो न्यौछावर

तरूणाई जूड़े का हार नहीं!


बहा न सके जो शोणित को

मातृ-शीश बचाने को

चूम न सके जो मौत का सीना

ऐसी तरुणाई से प्यार नहीं!


लचित, शिवाजी और राणा पर

गर्व नहीं जिस तरूणाई को

ऐसी तरूणाई पर, सच बोलो

क्या हमें धिक्कार नहीं!


माता की कोख में जीवन पाया

छाती से जननी के खींचा जीवन

तुम ही दिल से पूछो अपने

क्या माँ के आँचल से प्यार नहीं!


श्रवण की धरती पर जन्मे हो

और डूबे हो चकाचौंध में

माँ की ममता क्या नहीं पुकारती

क्या कर्ज दूध का उधार नहीं!


याद रखो जीवन मानव का

अन्तिम नहीं है अनन्त यात्रा में

दर्पण में चेहरा बुझ जाये

ऐसा जीवन स्वीकार नहीं!



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