तेरे प्यार मे
तेरे प्यार मे
प्यार में तेरे बनने लगी हूँ
गिरने लगी हूँ संभलने लगी हूँ
तुझे पाना क्या खुद को खोना है
चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं
ऐ जाना बता ये कैसी उलझन है
तेरे रंग में मैं रंगने लगी हूं
तेरा होना ही तो मेरा होना है
कैसी ये बेखुदी है
कैसी ये बेखुदी है
तेरे यू थाम हाथ चलने लगीं हूं
मंजिल को जैसे पाने लगी हूँ
प्यार में तेरे बनने लगी हूँ
गिरने लगी हूँ संभलने लगी हूँ
तेरी आंखों में दिखता है
मोहब्बत है तुझे भी तो मुझसे
इजहार में तुझसे भी मोहब्बत का करने लगी हूँ
तुझको पाना खुद को पाना है
दूर न जाना खफा न होना
तुझसे जुदाई हो मैं सोच कर भी डरने लगी हूँ
मोहब्बत का जाने कैसा ये असर है
रातों को तेरे ख्वाब में सजाने लगी हूँ
सवेरे में मैं बस तुझे ही गुनगुनाने लगी हूँ
थोड़ा थोड़ा हँसने लगी हूँ कतरा आंखों से मैं बहाने लगी हूं
मिल के तुझसे मन भरता नहीं है
आ मै छुपा लू तुझे जमाने से मै चुरा लू
मोहब्बत में तेरे बनने लगी हूँ
संभलने लगी हूँ
दिल की बाते सुन लू मै तेरी
तू सुन ले हाल है दिल का जो मेरा
पल दो पल जिंदगी है जो ये
जिंदगी में तुझको अपनी बनाने लगी हूँ
सांस में तू समाया है मुझमें
अब न कुछ मेरा है
न कुछ मेरा है न कुछ मेरा है
तू ही रब है तू ही मेरा सब है
तुझे मै अपनी जान बनानी लगी हूँ
जिंदगी में तुझको अपनी बनाने लगी हूँ
प्यार में तेरे कैसा ये असर है
बनने लगी हूँ संवारने लगी हूँ
प्यार में तेरे बनने लगी हूँ
बनने लगी हूँ हा बनने लगी हूँ ...

