Prashant Tiwari
Romance
उस कमबख्त इश्क़ की
बारिश में फिसलन सी आ गई ,
हमने उनसे मोहब्बत क्या बयां की
उन्होंने तो हमसे दूरी ही बना ली ।।
स्वयं
तुझसे ही खुश रहता दिल, तुझसे ही नाराज भी है। तुझसे ही खुश रहता दिल, तुझसे ही नाराज भी है।
तेरा मेरा साथ है मेरे हाथों में तेरा हाथ है। तेरा मेरा साथ है मेरे हाथों में तेरा हाथ है।
दरवाजा खुला है दिल का तुम मुस्कुरा के आना सनम। दरवाजा खुला है दिल का तुम मुस्कुरा के आना सनम।
क्यों कि अब बन जाएंगे हम "हम"ओर निभा लेंगे सात फेरों के सातों वचन। क्यों कि अब बन जाएंगे हम "हम"ओर निभा लेंगे सात फेरों के सातों वचन।
आंखों से तुम ओझल न होना हम तो तड़पते ही रह जाएंगे ! आंखों से तुम ओझल न होना हम तो तड़पते ही रह जाएंगे !
लफ़्ज़ तुम्हारे लड़खड़ाए होश हमारे उड़े आँसू तुम्हारे गिरे लफ़्ज़ तुम्हारे लड़खड़ाए होश हमारे उड़े आँसू तुम्हारे गिरे
तुम्हें पाकर मैं अभिभूत हूँ..! बस.. ऐसे ही हर सफ़र पर साथ बने रहना। तुम्हें पाकर मैं अभिभूत हूँ..! बस.. ऐसे ही हर सफ़र पर साथ बने रहना।
मेरे ख्यालों में आकर रात - दिन अब साथ रहते हों मेरे बनकर उतरे हो रूह में मन करता गवारा मेरे ख्यालों में आकर रात - दिन अब साथ रहते हों मेरे बनकर उतरे हो रूह में मन क...
तू सुर बन गीतों में सजना, मैं साज बन बजा करूँगी। तू सुर बन गीतों में सजना, मैं साज बन बजा करूँगी।
इक़रार भी किया मैंने, इज़हार भी किया मैंने एक अरसे तलक तेरा, इंतज़ार भी किया मैंने! इक़रार भी किया मैंने, इज़हार भी किया मैंने एक अरसे तलक तेरा, इंतज़ार भी किया मैं...
जीवन भर का वादा हैं करते, कसमें भी खा जाते हैं ये जीवन भर का वादा हैं करते, कसमें भी खा जाते हैं ये
तो सुनो बिन तुम्हारे अब रहती हूँ मैं तन्हा हर पल अंधियारे में...! तो सुनो बिन तुम्हारे अब रहती हूँ मैं तन्हा हर पल अंधियारे में...!
तुम इश्क़ हो या हवा का झोंका एक अनोखी खुशबू छोड़कर। तुम इश्क़ हो या हवा का झोंका एक अनोखी खुशबू छोड़कर।
सुकून दिल का समझोगे तुम नहीं दर्द में करार तुमको सबब मिले। सुकून दिल का समझोगे तुम नहीं दर्द में करार तुमको सबब मिले।
मैंने भी अब है छोड़ दिया, वक़्त पे सब कुछ देखेंगे वो इक़रार कभी, करते हैं या नहीं। मैंने भी अब है छोड़ दिया, वक़्त पे सब कुछ देखेंगे वो इक़रार कभी, करते हैं या नही...
दिल पर छपी तेरी लिखावट याद करते हैं हम। दिल पर छपी तेरी लिखावट याद करते हैं हम।
मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं। मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं।
अब न चाहत है मोहब्बत की कोई एक अजब सी जुस्तजू है आज फिर। अब न चाहत है मोहब्बत की कोई एक अजब सी जुस्तजू है आज फिर।
धुआं धुआं जज़्बात हुए हैं जीने की कोई चाह नही है. धुआं धुआं जज़्बात हुए हैं जीने की कोई चाह नही है.
तू एक नज़र देख तो सही मुझे फ़िर में सह लूंगी हर ग़म बनके तेरी जोगन। तू एक नज़र देख तो सही मुझे फ़िर में सह लूंगी हर ग़म बनके तेरी जोगन।