सूरज समान इंसान
सूरज समान इंसान
आज का दिन है बड़ा महान
बनकर सूरज चमका इक इंसान
कर गया सबके भला का ऐसा काम
बना गया हमारा देश का संविधान
लहू जिनका है हमारे रगों में
तेवर भी उनका वरदान है
शान से जीना सिखाया जिन्होंने हमें
डॉ आंबेडकर उन का नाम है
देश बटा था जब टुकड़ों में
बाबासाहेब ने किया था योगदान,
फिर हुआ अखंड सदा को
मेरा भारत देश महान
मध्ययप्रदेश के महू में आज के दिन लिया था जन्म।
मानवता को मान लिया था अपना काम
रास्ते में आए तमाम विपत्तियां,
लेकिन हर चुनौती का डटकर किया सामना
जिनके विचार से हुए,
बुद्धि हमारे ज्ञान में
दुनिया की अच्छाई छुपी है संविधान में ।
दबे कुचले और शोषित को राह दिखाया,
आजादी और आत्म सम्मान का महत्व बताया
शिक्षा संगठन के थे पुजारी
अधिकार हेतु किये संघर्ष भारी
विकट समस्या थी समाज मैं
गांव गांव जन जन में।
सह सकते थे कैसे बाबा, लगी थी उनकी तन तन में
खुश हाली लाना चाहे थे भारत मां तृण तृण में
नयी जान फूंकी थी जिसने इस माटी के कण कण में
जीवन जिया जिन्होंने सारा जग में
खुशियां बिखर कर।
नाम था उनका बाबासाहेब अंबेडकर
बाबा तेरी कलम की बल हम राज करते हैं
तेरी करनी पर हम नाम करते हैं,
बदलेगा वक्त और जमाना भी,
जय भीम की उद्घोष से यह आगाज करते हैं।।
