सपनों की कीमत
सपनों की कीमत
फक़त एक दिन से बहुत बड़ा है मेरे सपनों का आकार
रातों से समझौते करने होंगे बार-बार
जिन नैनों से सपने देखे नैना वो छिल जाएँगें
नींद चुकानी होगी सपने करने को साकार
दुर्गम से दुर्गमतम पथ पर बढ़ते जाना होगा
राहों में काँटे होंगे पर चलते जाना होगा
मुश्क़िल से मुश्किल राहों पर नहीं माननी हार
नींद चुकानी होगी सपने करने को साकार
बड़े-बड़े तूफानों को भी डटकर सहना होगा
भँवरों के सायों में बनकर नाव भी रहना होगा
कितना भी गहरा दरिया हो करना होगा पार
नींद चुकानी होगी सपने करने को साकार
दृढ़ निश्चय से टकराकर पर्वत भी झुक जाएँगें
अभी स्वप्नों पर मँडराते साये न राह में आएँगे
आज जीवन की यह चुनौती करती हूंँ स्वीकार
नींद चुकानी होगी सपने करने को साकार।
