संघे शक्ति कलयुगे
संघे शक्ति कलयुगे
विजय पर्व विजय दशमी शौर्य पराक्रम का प्रतीक प्रतिबिम्ब।
जग को सदमार्ग दिखाता केशव बलिराम व्यक्ति नही व्यक्तित्व।
विजय पर्व का मर्म धर्म के नायक महानायक सत्य सनातन पुरुषार्थ पराक्रम ।
सत्य सारथी संघे शक्ति कलयुगे कर्म क्रांति सिंद्धान्त के शौर्य सूर्य।
जगत कल्याण के संत स्वंय कि सेवा समाज की सेवा का मूल मंत्र।
हिन्दू आत्म चेतना के जाग्रत जीवन ऊर्जा के शाश्वत परम प्रतीक।
अस्मत अस्त्तित्व भारत के भांवो कि जीवेत जाग्रतं के सार्थक सारथी गौरव गरिमा महत्व।
भाषा भाष्य अस्तित्व सोच अन्वेषण कि आवनी के वर्तमान के शाश्वत ।
नित्य प्रवाहित प्रतीक हिन्दू जागृति जागरण कि ज्वाला के बाती के युग सत्कार ।
अस्तित्व संघ राष्ट्रीय गौरव का बन गया समय काल खंड।
सकारात्मक चिंतन सत्य सनातन हिन्दू के आत्म सम्मान पहचान।
निर्मल निर्झर सरिता सागर गागर हिम हिमालय अवनी आकाश वर्तमान।।