श्रद्धांजली
श्रद्धांजली
किसी को ज्योति, किसी को ज्ञान, स्मरण रहेगा यह बलिदान |
कर्म योग के सतत उदाहरण, झुके चरण में सबके भाल |
कभी पीये विश प्याले जिसने, आज बने सबका अभिमान |
प्रारब्ध की कड़ियाँ खोली, सब कुछ किया सहज स्विकार |
सदा यूं ही आदर्श रहोगे, क्षमा , त्याग बलिदान के |
मुझ बालक के लिए आप ही, गुरु सखा संसार थे |
चले आपके आदर्शों पर, आप का आशीर्वाद रहे |
अब यादें ही शेष आपकी, जीवन का आधार है |
क्षमा करो गर भूल हुई हो, कहीं आपकी सेवा में |
सैनिक थे युं सतत लड़े हो, नमन आपको बारंबार,...... नमन आपको बारंबार.......
