शिक्षक बिन कोरा कागज
शिक्षक बिन कोरा कागज
राधाकृष्णन शिक्षक रूप में
जन्मदिवस मनातें हैं
मात पिता पहले गुरू
शिक्षक राह बताते हैं
गुरू बिन ज्ञान नहीं कहीं
गुरू जीवन आकार दें
एक माली बन नयी फसल सी
पौधे सहेज नव-नव दें
मात पिता ने जन्म दिया
परिवार गुरु पहली रहे
महान विचारक होते गुरूजी
बालक जीवन को सहेज दें
बालमन अनगढ़ कोरा कागज
नव सोच विद्वान करें
कोई डॉक्टर कोई शिक्षक
वैज्ञानिक ज्ञान सब शिक्षक दें
गुरू प्रथम ज्योति पुंज प्रकाश की
स्वजलकर बालक प्रकाश दें
अज्ञानता का तिमिर घना हैं
दे ज्ञान गुरू जीवन संवार दें।